केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने व्यक्तिगत करदाताओं डायरेक्ट टैक्स कोड (डीटीसी) में आयकर छूट सीमा 1.6 लाख रुपए से बढाकर 2 लाख करने के प्रस्ताव को पारित कर दिया है. इसमे घर ऋण ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपये पर कर लाभ को बनाए रखा गया है और दीर्घकालिक बचत योजनाओं जैसे कि भविष्य निधि आदि पर भी कर मुक्त स्थिति को जारी रखा है.
डीटीसी पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा और देश में प्रत्यक्ष कर व्यवस्था का सरलीकरण होगा. विधेयक सोमवार (३० अगस्त २०१०) को संसद में पेश किया जाएगा और दोनों सदनों की एक चयन समिति को भेजे जाने की संभावना है.
सूत्रों ने यह भी बताया कि तीन स्लैब होने की संभावना है: 2-5 लाख आय के लिए 10 प्रतिशत, 5-10 लाख रुपये के लिए 20 प्रतिशत और 10 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत के हिसाब से आयकर लिया जायेगा.
श्रोत: इंडियन एक्सप्रेस, भारत