दिल्ली में अस्मिता नाम का जनवादी थिएटर ग्रुप चला रहे अरविंद गौड़ जनलोकपाल पर बनी टीम अन्ना के अहम सदस्य हैं। उन्होंने कहा है कि हमें पूरा भरोसा है कि यही आंदोलन सरकारी लोकपाल की शक्ल बदलने में कामयाब होगा। अरविंद ने कहा कि ये जनता की बाढ़ है और जब ऐसी बाढ़ आती है, तो सरकार तो क्या तानाशाह भी हिल जाते हैं।
अरविंद पिछले दिनों करप्शन के खिलाफ नुक्कड़-नाटकों की एक श्रंखला पूरे देश में प्रदर्शित कर चुके हैं।
हम पॉलिटिकल सिस्टम को नहीं नकार रहे, बल्कि उसे झकझोर रहे हैं। इस आंदोलन का चरित्र पूरी तरह गैर राजनीतिक है। इसमें कोई राजनीतिक चालबाजी नहीं है। यह आंदोलन केवल शहरों में ही नहीं बल्कि छोटे छोटे गांवों तक में फैल रहा है। जेपी के बाद का यह सबसे बड़ा आंदोलन है। जेपी आंदोलन और इस आंदोलन में यह फर्क है कि जेपी आंदोलन गैर कांग्रेसवाद का था, जबकि इस आंदोलन का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।