परम संत बाबा सूरदास जी चम्बल संभाग के अति पूज्यनीय गुरु हैं जिनके शिष्यों के संख्या अनेको में है. यह संयोग की बात है की बाबा सूरदास जी ने आदि गौड़ ब्राह्मण कुल में जन्म लिया तथा चेचक से अपने नेत्र खोने के साथ बचपन से ही सन्यासी हो गए. वे भगवान राम एवं हनुमान के परम भक्त थे तथा उनके तप और साधना की पराकास्ठा उद्धर्नीय है. उन्होंने कई बार २१ दिन तक जमीन के अन्दर समाधि ले कर तप किया जिसके साक्षी कई हैं.
आदि गौड़ ब्राह्मण सभा की जौरा इकाई ने बाबा सूरदास जी के मार्ग दर्शन में श्री राम जानकी मंदिर की स्थापना सन २००१ में की. बाबा सूरदास जी जब भी जौरा आते तब श्री राम जानकी मंदिर ही उनका स्थान होता था. उन्होंने ही हर वर्ष मंदिर पर भागवत कथा ज्ञान यज्ञ करने का मार्ग प्रशस्त किया.
इस वर्ष उनके कृपा पात्र शिष्यों ने संत बाबा सूरदास की मूर्ति की स्थापना मंदिर प्रांगण में करने का निर्णय लिया है. इसके उपलक्ष में निम्न लिखित कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे:
२२ मई २००९ : मूर्ति स्थापना तथा भागवत कथा ज्ञान यज्ञ प्रारंभ
२९ मई २००९ : भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सम्पन्न एवं भंडारा
कार्यक्रम स्थल : श्री राम जानकी मंदिर, चम्बल कालोनी के पास, एम् एस रोड, जौरा जिला मुरेना (मध्य प्रदेश), भारत
परम संत बाबा सूरदास जी के प्रति आस्था रखने वाले सदस्य इस महा योजन को सफल बनायेंगे एसी हमारी आशा है.